इंदौर कलेक्टर कार्यालय में मध्यस्थता केन्द्र की स्थापना की गई है। इस केन्द्र के माध्यम से घरेलू विवादों को आपसी समझौते के माध्यम से निराकृत कराया जा रहा है। यह केन्द्र परिवार को बिखरने से बचाने का बड़ा माध्यम बन रहा है। केन्द्र में मध्यस्थता के लिये मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा टीम भी बनाई गई है।
मध्यस्थता केन्द्र जिला प्रशासन और हाईकोर्ट की एक पहल है। घरेलू विवादों के निराकरण के लिए प्रति मंगलवार को चार सदस्यीय दल इस केन्द्र में बैठते हैं। मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय की जनसुनवाई में आने वाले मामलों को भी इसी केन्द्र में भेजा जाता है। आवेदक और अनावेदक को बुलाकर विशेषज्ञों के द्वारा कानून और अन्य पहलुओं की जानकारी दी जाती है। दोनों पक्षों को सही तरीके से समझाकर आपसी समझौते से विवादों का निराकरण किया जाता है। इस केन्द्र की स्थापना जून 2024 में की गई है। जून से लेकर अभी तक इस केन्द्र में अभी तक 305 प्रकरण आये हैं। इनमें से 165 प्रकरणों का आपसी समझौते से निराकरण हुआ है। शेष प्रकरणों में कार्रवाई जारी है। यह केन्द्र पारिवारिक विवादों का निराकरण कर परिवार को एक साथ खुशी-खुशी रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इस केन्द्र के माध्यम से आपसी समझौते से प्रकरण निराकृत होने से पक्षकारों एवं अनावेदकों दोनों को सुविधा मिल रही है। विवाद बड़ा रूप लेने से बच रहा है। न्यायालय तक प्रकरण नहीं पहुंच रहे है। मध्यस्थता केन्द्र में ही प्रकरण निराकृत हो जाते है। मुकदमों में लगने वाले खर्च एवं समय में बचत हो रही है। दल के प्रयासों से न्यायपालिका पर बोझ कम करने और परिवारों में शांति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। इस केन्द्र के माध्यम से निराकृत प्रकरणों के लाभार्थी आज राजी खुशी से परिवार के साथ रह रहे हैं। यह केन्द्र पारिवारिक एकजुटता का बेहतर उदाहरण बन रहा है।